आरती कीजै हनुमान लला की । दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥ जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥ Lord Hanuman has https://baglamukhi30730.actoblog.com/33423667/hanuman-options