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The Greatest Guide To shiv chalisa lyrics in marathi

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दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं । सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥ मोहिः संभ्रान्तः स्थित्वा शान्तिं न प्राप्नोत्। सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।। देवन जबहीं जाय पुकारा । तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥ अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥ कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी https://shivchalisas.com

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