एक दिन राजेश हमारे बिल्डिंग के नीचे के ग्राउंड में रस्सी से बनी काट के ऊपर सोया हुआ था। और हम सब घर के अंदर थे कि अचानक राजेश की आवाज़ सुनाई दी। मुखिया : आज से तुम लोग वहां नहीं खेलोगे और अब से कोई भी कुएं के पास https://rahasyamaya.com/category/bhoot-ki-kahani/